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इस फसल की खेती पर सरकार देती है 50% की सब्सिडी जाने पूरी जानकारी

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किसान न्यूज। दिन देखते देखते हैं कि हम सरकार भी किसानों को प्रोत्साहन देने और उनकी आमदनी को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है और कई लाभान्वित योजनाओं को संचालित कर रही है हालांकि यह बात भी बिल्कुल सही है कि अधिकतर किसानों को सरकार की इन योजनाओं और इन के लाभों के बारे में जानकारी नहीं होती और होती भी है तो पूर्णता नहीं होती और यही कारण है की सरकार की इन योजनाओं का लाभ बहुत ही कम किसान ले पाते हैं कुछ योजनाएं ऐसी भी हैं जहां पर बहुत कम लागत में बहुत अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है साथ ही उन योजनाओं को शुरू करने के लिए आपको शासन द्वारा ही राशि प्रदान की जाती है और उस राशि को में छूट दी जाती है आइए आज हम इसी तरह की छूट देने वाली खेती के बारे में जानकारी देखते हैं। 


    किसानों के लिए आज हम लेकर आए हैं पान की खेती की पूरी जानकारी क्योंकि यह एक ऐसी खेती है जो सबसे कम जगह में की जा सकती है इसके लिए करने के लिए आपको बहुत ही कम जगह की आवश्यकता होती है

     देश के विभिन्न राज्यों में पान की खपत को देखते हुए इसकी पैदावार भी बढ़ने लगी है और देश के कई राज्यों में इसकी खेती की जा रही है आप भी आसानी से इस खेती को कर सकते हैं और साथ ही इस खेती के लिए शासन द्वारा सब्सिडी प्रदान की जा रही है उसे भी आप निकाल सकते हैं।


    योजना की जानकारी 

इस योजना के लिए किसान को आवश्यकता है 500 मीटर में 500 वर्ग मीटर में पान बरेजा निर्माण करने की जिसमें निर्माण लागत 51000 के आस पास आती है जिसका 50% रुपया लगभग 26000 शासन द्वारा प्राप्त होता है

 सब्सिडी की राशि प्राप्त करने के लिए आपको क्या करना पड़ेगा

    अनुदान या सब्सिडी की धनराशि प्राप्त करने के लिए आपको कृषिविभाग की वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कराना है पंजीकरण के उपरांत लाभार्थी किसान को उसके खाते में सीधे सब्सिडी की राशि प्रदान की जाती है। 
पान की खेती बहुत कम जगह में आसानी से की जा सकती है पान की खेती नगदी फसल की तरह है और इसमें रोपित आपको प्रथम वर्ष करना है इसके उपरांत आपको लगातार 3 वर्षों तक उत्पादन प्राप्त होता है शेष 2 वर्षों में आपको और अधिक ज्यादा और अधिक फायदा होती है। बस आपको पान की खेती में जलवायु और वहां के वातावरण का विशेष ध्यान रखना होता है और जरूरत पड़ने पर आप विशेषज्ञों सेकी अधिक जानकारी अधिक जानकारी हेतु किसान सहायता सेंटर से भी संपर्क कर सकते हैं

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