देख लो कैसा है 100 रूपये का नया नोट RBI नेे कियेे आदेश जारी
भारतीय
रिज़र्व बैंक RBI महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला में ₹ 100 का
बैंकनोट जारी करेगा
जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर
डॉ. उर्जित आर. पटेल के हस्ताक्षर होंगे। नए मूल्यवर्ग के बैंकनोट के पृष्ठभाग पर “रानी की वाव” (रानी की वाव के बारे में
जानने के लिये पेास्ट को पूरा पढे
) का चित्र है जो देश की सांस्कृतिक विरासत का चित्रण करता है।
नोट का आधार रंग लैवेंडर है। नोट के अग्र और पृष्ठ दोनों भागों पर अन्य डिज़ाइन, ज्यामितिक पैटर्न हैं
जिन्हें समग्र रंग योजना के साथ संरेखित किया गया है। बैंकनोट का आकार 66 मिमी x 142 मिमी
होगा।
रिज़र्व बैंक द्वारा पहले की श्रृंखलाओं
में जारी ₹ 100 मूल्यवर्ग
के सभी बैंकनोट वैध मुद्रा बने रहेंगे।
जब भी नए डिज़ाइन के बैंकनोट जारी किये
जाते हैं, सामान्यतः इन नोटों के मुद्रण और बैंकिंग चैनल के माध्यम से
जनसाधारण को इनके वितरण के लिए आपूर्ति में धीरे-धीरे वृद्धि होती है।
महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला में ₹ 100
मूल्यवर्ग के बैंकनोट का चित्र और मुख्य
विशेषताएं निम्नानुसार हैं:
ii. मुख्य विशेषताएं
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अग्रभाग (आगे)
1. मूल्यवर्ग अंक 100
के साथ आर-पार मिलान
2. मूल्यवर्ग अंक 100
के साथ लेटेंट चित्र
3. देवनागरी में मूल्यवर्ग अंक १००
4. मध्य में महात्मा गांधी का चित्र
5. सूक्ष्म अक्षर ‘RBI’,
‘भारत’,
‘INDIA’ और ‘100’
6. कलर बदलाव सहित “भारत”, RBI’ के साथ विंडोड सुरक्षा धागा। नोट को तिरछा करके देखने पर धागे
का कलर हरे से नीले में परिवर्तित होता है
7. महात्मा गांधी के चित्र के दायीं तरफ गारंटी खंड, वचन खंड सहित गवर्नर
के हस्ताक्षर तथा भारतीय रिज़र्व बैंक का प्रतीक
8. दायीं ओर अशोक स्तंभ प्रतीक
9. महात्मा गांधी का चित्र और इलेक्ट्रोटाइप (100) वॉटरमार्क
10. संख्या पैनल जिसमें ऊपर बायीं ओर तथा नीचे दायीं ओर छोटे से
बढ़ते आकार के अंक
11. दृष्टिबाधित लोगों के लिए इंटैलियो या उभरी हुई छपाई में
महात्मा गांधी का चित्र, अशोक स्तंभ प्रतीक,
उभरे हुए त्रिकोणीय पहचान चिन्ह
माइक्रो-टैक्स्ट 100 के साथ, चार कोणीय ब्लीड रेखाएँ
पृष्ठभाग (पीछे)
12. नोट के बायीं तरफ मुद्रण वर्ष
13. स्लोगन सहित स्वच्छ भारत लोगो
14. भाषा पैनल
15. “रानी की वाव” का चित्र
16. देवनागरी
में मूल्यवर्ग अंक १००
सबसे पहले आपको बता दे कि भारत की यह सबसे
अनाेेेखी वावडी है
यहा रानी की वाव शब्द का उपयोग किया गया है यहाॅॅ वाव शब्द का अर्थ वावडी है, रानी की वाव भारत के गुजरात राज्य के पाटण में स्थित प्रसिद्ध वावडी (सीढ़ीदार कुआँ) है। इसकी बनावट सीढीनुमा कुुुुऑ के प्रकार की है l
इस वावडी के वावडी चित्र को जुलाई 2018 में RBI भारतीय रिज़र्व बैंक) द्वारा ₹100 के नोट पर चित्रित किया गया है यूनेस्को ने इसे 22 जून 2014 को विश्व विरासत स्थल में सम्मिलित किया गया। गुजरात के पाटण शहर को पहले 'अन्हिलपुर' के नाम से जाना जाता था, जो गुजरात की पूर्व राजधानी हुआ करता था । पुरानी मान्यताओ के अनुुुसार रानी की वाव या वावडी काेे सन 1063 में सोलांकी शासक के राजा श्री भीमराव देव प्रथम की प्रेमिल स्मृति में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने बनवाया था। रानी उदयमति जूनागढ़ के चूड़ासमा शासक रा' खेंगार की पुत्री थीं। यह वाव 64 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा तथा 27 मीटर गहरा है।
यहा रानी की वाव शब्द का उपयोग किया गया है यहाॅॅ वाव शब्द का अर्थ वावडी है, रानी की वाव भारत के गुजरात राज्य के पाटण में स्थित प्रसिद्ध वावडी (सीढ़ीदार कुआँ) है। इसकी बनावट सीढीनुमा कुुुुऑ के प्रकार की है l
इस वावडी के वावडी चित्र को जुलाई 2018 में RBI भारतीय रिज़र्व बैंक) द्वारा ₹100 के नोट पर चित्रित किया गया है यूनेस्को ने इसे 22 जून 2014 को विश्व विरासत स्थल में सम्मिलित किया गया। गुजरात के पाटण शहर को पहले 'अन्हिलपुर' के नाम से जाना जाता था, जो गुजरात की पूर्व राजधानी हुआ करता था । पुरानी मान्यताओ के अनुुुसार रानी की वाव या वावडी काेे सन 1063 में सोलांकी शासक के राजा श्री भीमराव देव प्रथम की प्रेमिल स्मृति में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने बनवाया था। रानी उदयमति जूनागढ़ के चूड़ासमा शासक रा' खेंगार की पुत्री थीं। यह वाव 64 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा तथा 27 मीटर गहरा है।
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