अगर इस घातक बीमारी से बचाना है परिवार को तो यहाँ लगवाये निःशुल्क टीके
आगामी 15 जनवरी 2019 से पोलियो अभियान की तरह ही एक और अभियान शुरू किया जा रहा है जिसके अंतर्गत 9 माह से 15 वर्ष तक के सभी ,बच्चो को छोटी माता,(खसरा)और रूबेला,का एक ही टीका दिया जावेगा अर्थात MR ,जो बच्चे के दाहिने हाथ के कंधे पर लगाया जावेगा।
ये टीका सभी आंगनवाड़ी,स्कूलों, प्राइवेट,शासकीय स्कूलों ,,मदरसो,में ही लगाया जावेगा।इसलिए इस दिन सभी पालक अपने 09 महीने से 15 वर्ष तक के (कक्षा 10 तक पढ़ने वाले)बच्चों को आंगनबाड़ी,स्कूल भेजने तथा टीका लगवाने में सहयोग करे।ये टीका सरल है। और आसान भी है।
इससे कोई साइड इफ़ेक्ट नही होगा।कुछ राज्यो में इसका सफल अभियान भी हो गया है।
वायरस को खत्म करने के लिए ये टीका जरूरी है। बीमारी के वायरस बच्चो के शरीर के अंदर ही रहते है ,अन्य कोई माध्यम नही।यदि बच्चा टीका लगवाएंगे तो बच्चे के शरीर के अंदर एक क्षमता विकसित होगी और वायरस नष्ट हो जावेगा ।
ये तभी संभव होगा जब सभी अपने बच्चों को टीकाकरण कराने में सहयोग करेंगे।
ये टीका बहुत कीमती भी है, और यूनिसेफ,who, भारत सरकार की मदद से school, आगनवाड़ी में निःशुल्क लगाया जा रहा है।
मीजल्स, रूबेला बीमारी के वजह से गर्भवती स्त्री के गर्भ में पल रहे बच्चे विकलांग, ह्रदय में छेद ,जन्मजात,मोतियाबिंद ,या जन्मजात विकलांगता जैसे रोग होते है । इसकी रोकथाम होगी अौर सफल रोकथाम के बाद ये बीमारी नही होगी।
लोगो को याद होगा सन 1995 से पल्स पोलियो अभियान चलाया गया था एक ही दिन 0,से 5 वर्ष के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाती थी, जिससे परिणाम स्वरूप आज भारत पोलियो की बेमारी से मुक्त हो गया है।आज समाज मे ऐसा बच्चा नही जिनकी पतली टांग या विकलांग हो क्योकि 21 वर्षो से पोलियो की दवा के द्वारा ये बीमारी भारत मे नही है।
जिस प्रकार बड़ी माता भी 1980 से नही होती जिसमे शरीर तक जाता था आंखे खराब होती थी
,किन्तु अब नही होती।
इसी प्रकार खसरा रूबेला बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए ,ये टीकाकरण का अभियान जनवरी माह चलाया जाना है।जिसकी सफलता के लिए जनसमुदाय को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
जानकारी अच्छी लगे तो
अपने संबंधित ओं को शेयर अवश्य
Post a Comment